कोविड से भी पुराना है HMPV वायरस, घबराने की नहीं लड़ने की है जरूरत

HMPV: भारत में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस यानी एचएमपीवी के कई मामले सामने आ चुके हैं। सोमवार को जब HMPV का पहला मामला बेंगलुरु में एक 8 महीने के बच्चे के जरिए सामने आया तो इसने लोगों के अंदर एक डर पैदा कर दिया, कि शायद आने वाले समय में भारत की स्थिति फिर एक बार कोरोनावायरस के समय जैसी हो जाएगी। अभी भी लोग एचएमपीवी को लेकर काफी डरे हुए हैं। हालांकि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों को तमाम तरह की आशंकाओं को दूर करते हुए कहा है, कि इस वायरस से घबराने की जरूरत नहीं है क्योंकि सरकार और स्वास्थ्य विभाग सांस संबंधी बीमारियों से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। तो चलिए थोड़ी विस्तार से जानते हैं इस वायरस के बारे में।
शुरू हो गई है लड़ने की तैयारियां
आपको बता दे कि चीन में एचएमपीवी के प्रकोप को देखते हुए वैश्विक स्तर पर इस वाइरस को कंट्रोल करने की तैयारी शुरू हो चुकी है। एचएमपीवी नॉर्मल फ्लू की तरह है जो संक्रामक बीमारी है, हालांकि इस से घबराने या किसी तरह के पैनिक में आने की जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र कॉविड टास्क फोर्स के सदस्य और सांस की बीमारी से संबंधित सुप्रीम कोर्ट से नियुक्त टास्क फोर्स के मेंबर और मुंबई में रिलायंस हॉस्पिटल आईसीयू यूनिट के प्रमुख डॉक्टर राहुल पंडित ने बताया कि एचएमपीवी से पैनिक होने की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। यह कोई नया वायरस नहीं है यह कोविद से भी पुराना है। 2001 में इसके केस नीदरलैंड में पाए गए थे। उन्होंने यह भी बताया कि यह वाइरस एक सामान्य फ्लू निमोनिया जैसा है जिससे अधिक केस दूसरे वायरल इंफेक्शन और बीमारियों के हमारे पास आते हैं।
कैसे बचें HMPV से ?
HMPV के लक्षण खांसी सर्दी जैसे हैं। इसमें मृत्यु दर बेहद कम है। जिन्हें कैंसर हाई शुगर और अन्य बीमारी है उन्हें थोड़ा ज्यादा ख्याल रखने की जरूरत है। बच्चों में या वायरस ज्यादा जल्दी अटैक कर सकता है क्योंकि उनके शरीर में एंटीबॉडीज तैयार हो रहे होते हैं। जो बड़े उम्र के लोग हैं उनमें पहले से ही एंटीबॉडीज तैयार है इसलिए छोटे बच्चों पर इसके प्रभाव ज्यादा पढ़ रहे हैं। डॉक्टर सलाह देते हैं कि यदि दो-तीन दिन में सर्दी खांसी बुखार ठीक ना हो तो एक बार अस्पताल जरुर विजिट करें। सलाह दी जाती है कि कोरोनावायरस के समय जिन नियमों का पालन किया गया था, उन नियमों का पालन करते रहे जैसे सर्दी खांसी हो तो रुमाल का उपयोग करना खास नहीं और सीखने के तुरंत बाद हाथ धोना इसके अलावा आईसीएमआर की गाइडलाइंस के हिसाब से उसे फॉलो करना इन कुछ त्रिकोण के द्वारा एचएमवीपी के प्रभाव से खुद को बचाया जा सकता है।